हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार अल अनवार" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैः
قال امام صادق علیهالسلام:
«لا تَمْلَأْ عَیْنَیْکَ مِنَ النَّظَرِ إِلَیْهِما إِلّا بِرَحْمَةٍ وَرِقَّةٍ، وَلا تَرْفَعْ صَوْتَکَ فَوْقَ أَصْواتِهِما، وَلا یَدَیْکَ فَوْقَ أَیْدِیهِما، وَلا تَتَقَدَّمْ قُدّامَهُما.»
इमाम सादिक़ (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया :
अपने माता-पिता को दया के अलावा किसी और चीज़ से न देखें; अपनी आवाज़ उनकी आवाज़ से ऊँची न करें; अपने हाथ उनके हाथों से ऊपर न उठाएँ; और उनके आगे न चलें।
बिहार उल अनवार, भाग 74, पेज 79
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